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प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी (Pyara Saja Hai Tera Dwar Bhawani)

दरबार तेरा दरबारों में इक खास एहमियत रखता है

उसको वैसा मिल जाता है जो जैसी नीयत रखता है

प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)

बड़ा न्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(न्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)

भक्तों की...

यहाँ भक्तों की...

तेरे भक्तों लगी है कतार, भवानी

(भक्तों लगी है कतार, भवानी)

बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)


ऊँचे पर्वत, भवन निराला

(ऊँचे पर्वत, भवन निराला)

ओ, ऊँचे पर्वत, भवन निराला

(ऊँचे पर्वत, भवन निराला)

आके शीश नवावे संसार, भवानी

(शीश नवावे संसार, भवानी)

प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)


जगमग-जगमग जोत जगे है

(जगमग-जगमग जोत जगे है)

हो, जगमग-जगमग जोत जगे है

(जगमग-जगमग जोत जगे है)

तेरे चरणों में गंगा की धार, भवानी

(चरणों में गंगा की धार, भवानी)

तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी

(भक्तों की लगी है कतार, भवानी)


लाल चुनरिया, लाल-लाल चूड़ा

(लाल चुनरिया, लाल-लाल चूड़ा)

ए, लाल चुनरिया, लाल-लाल चूड़ा

(लाल चुनरिया, लाल-लाल चूड़ा)


ओ, सावन महीना मैया झूला झूले

(सावन महीना मैया झूला झूले)

सावन महीना मैया झूला झूले

(सावन महीना मैया झूला झूले)

देखो रूप कंजकों का धार, भवानी

(रूप कंजकों का धार, भवानी)

प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)


हो, पल में भरती झोली खाली

(पल में भरती झोली खाली)

पल में भरती झोली खाली

(पल में भरती झोली खाली)

तेरे खुले दया के भंडार, भवानी

(खुले दया के भंडार, भवानी)

तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी

(भक्तों की लगी है कतार, भवानी)


लक्खा को है तेरा सहारा, माँ

(हम सबको है तेरा सहारा)

लक्खा को है तेरा सहारा

(हम सबको है तेरा सहारा)

कर दे अपने सरल का बेड़ा पार, भवानी

(कर दे सरल का बेड़ा पार, भवानी)

बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)


भक्तों की...

तेरे भक्तों की...

यहाँ भक्तों की लगी है कतार, भवानी

(भक्तों की लगी है कतार, भवानी)

तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी

(भक्तों की लगी है कतार, भवानी)

बोलो, प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)

प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी

(प्यारा सजा है तेरा द्वार, भवानी)


फुलेरा दूज की कथा

फुलेरा दूज हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित होता है। इस दिन को उत्तरी राज्य खासकर ब्रज क्षेत्र में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है (Sharan Mein Hum Tumhare Aa Pade Hai)

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,
ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे (Mahima Bholenath Ki Sunayenge)

जय जय नमामि शंकर,
गिरिजापति नमामि शंकर,

श्री हनुमान साठिका (Shri Hanuman Sathika)

जय जय जय हनुमान अडंगी ।
महावीर विक्रम बजरंगी ॥