नवीनतम लेख

Radhe Radhe Japo Chale Aayenge Bihari (राधे जपो चले आएँगे बिहारी)

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

आएँगे बिहारी चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा मेरी चंदा,

चकोर है बिहारी,

राधा मेरी चंदा,

चकोर है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी मिश्री,

तो स्वाद है बिहारी,

राधा रानी मिश्री,

तो स्वाद है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी गंगा,

तो धार है बिहारी,

राधा रानी गंगा,

तो धार है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी तन है तो,

प्राण है बिहारी,

राधा रानी तन है तो,

प्राण है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी सागर,

तरंग है बिहारी,

राधा रानी सागर,

तरंग है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी मोहनी,

तो मोहन बिहारी,

राधा रानी मोहनी,

तो मोहन है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा मेरी गोरी तो,

साँवरे बिहारी,

राधा मेरी गोरी तो,

साँवरे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी भोली भाली ,

चंचल बिहारी,

राधा रानी भोली भाली ,

चंचल बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी नथनी,

तो कंगन बिहारी,

राधा रानी नथनी,

तो कंगन बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधा रानी मुरली,

तो तान है बिहारी,

राधा रानी मुरली,

तो तान है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥


राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

आएँगे बिहारी चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

साल 2025 का पहला विनायक चतुर्थी व्रत

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

हार गया हूँ बाबा, अब तो आके थाम रे (Haar Gya Hu Baba Ab To Aake Tham Re)

हार गया हूँ बाबा,
अब तो आके थाम रे,

पूरब से जब सूरज निकले (Purab Se Jab Suraj Nikle)

पूरब से जब सूरज निकले,
सिंदूरी घन छाए,

यह भी जाने