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शंभू नाथ मेरे दीनानाथ: शिव भजन (Sambhu Nath Mere Dinanath)

शंभू नाथ मेरे दीनानाथ मेरे भोले नाथ मेरे आ जाओ,

भक्त तेरे पर विपदा भारी आके कष्ट मिटा जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥


डम डम तेरा डमरू बाजे,

जिसपे सारी सृष्टि नाचे,

मनका पड़े जब जब डमरू पे ऐसी तान सुना जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥


एक हाथ त्रिशूल विराजे,

गल सर्पों की माला साजे,

जटा में तेरी मां गंग विराजे अमृत पान करा जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥


तेरे अघोरी तुझको पूजे,

संग तेरे शमशानों में झूमे

पूरे तन पर भस्म रमा के,

मस्तक पर त्रिकुंड सजा के,

सुंदर रूप दिखा जाओ,

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ॥

काल भैरव के 108 मंत्र

मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती मनाई जाती है, जिसे कालभैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है।

चैत्र नवरात्रि पूजा नियम

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है - चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।

नरसिंह द्वादशी व्रत विधि

नरसिंह द्वादशी सनातनियों का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने रौद्र रूप में अवतार लिया था, जिन्हें लोग आज नरसिंह भगवान के रूप में पूजते हैं।

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे (Kanha Re Thoda Sa Pyar De)

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,
चरणो मे बैठा के तार दे,

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