नवीनतम लेख

सांवरिया तेरे दीदार ने, दीवाना कर दिया(Sawariya Tere Deedar Ne Deewana Kar Diya)

सांवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


साँवली सलोनी छवी,

चित को चुरावे,

मनड़े री डोर खींचे,

जादू सो चलावे,

देखूं जिधर तू ही उधर,

आए है नज़र,

मस्ती में तूने साँवरे,

मस्ताना कर दिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


तेरी कृपा से श्याम,

दर ये मिला,

सब कुछ भूल गया,

मैं तेरा हुआ,

दीन दयालू ओ कृपालू,

दिल के सबर,

भक्ति की लौ का सांवरे,

परवाना कर दिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


मेरा हाल ए दिल,

ना तुम से छुपा,

कैसे मिलोगे श्याम,

कुछ तो बता,

अंतर्यामी मेरे स्वामी,

राखे सब खबर,

‘विप्लव’ के पीछे साँवरे,

ज़माना कर दिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


सांवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥

वैकुण्ठ चतुर्दशी की कथा (Vaikunth Chaturdashi Ki Katha)

वैकुण्ठ चतुर्दशी को लेकर एक कथा काफी प्रचलित है। इस कथा के अनुसार एक बार श्रीहरि विष्णु देवाधिदेव शंकर जी का पूजन करने के लिए काशी आए थे।

भीष्म अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त एवं योग

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन बाणों की शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग किए थे। इसलिए सनातन धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है।

सोचा नहीं जो ख्वाब में, उतना हमें मिला: भजन (Socha Nahi Jo Khwab Me Utna Hame Mila)

सोचा नहीं जो ख्वाब में,
उतना हमें मिला,

श्री शनि चालीसा (Shri Shani Chalisa)

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

यह भी जाने