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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार(Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar)

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरे बाल बड़े घुंगराले,

बादल जो कारे कारे ।

तेरी मोर मुकट लटकनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरी चाल अजब मतवाली,

लगती है प्यारी-प्यारी ।

तेरी पायल की झंकार पे,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरे संग में राधा प्यारी,

लगती है सबसे नियारी ।

इस युगल छवि पे मे जाऊ,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरे नयन बड़े मतवारे,

मटके है कारे कारे ।

तेरी तिरछी सी चितवनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥

चैत्र मास में करें ये उपाय

चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। यह हिंदू पंचांग का पहला महीना है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। इस मास में की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य का प्रभाव संपूर्ण वर्ष पर पड़ता है। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त होती है।

कृष्ण जन्माष्टमी स्त्रोत

पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 3 का जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

श्री बृहस्पतिवार/गुरुवार की व्रत कथा (Shri Brispatvaar /Guruvaar Ki Vrat Katha

भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था।

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