हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम ओ शेरोंवाली (Hey Naam Re Sabse Bada Tera Naam O Sherawali)

शक्ति दे मां शक्ति दे मां, शक्ति दे मां शक्ति दे मां।


पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।

शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥


पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।

शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥


हाथ पकड़ ले हाथ बढ़ा दे, अपने मंदिर तक पहुंचा दे।

हाथ पकड़ ले हाथ बढ़ा दे, अपने मंदिर तक पहुंचा दे॥

सर पर दुःख की रैना, नाही चैना, प्यासे नैना दर्शन के।

शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥


जग में जिसका नाम है जीवन, इक युग है संग्राम है जीवन।

जग में जिसका नाम है जीवन, इक युग है संग्राम है जीवन॥

तेरा नाम पुकारा, दुःख का मारा, हारा माँ इस जीवन से।

शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥


तेरे द्वारे जो भी आया, उसने जो माँगा वो पाया।

तेरे द्वारे जो भी आया, उसने जो माँगा वो पाया॥

मैं भी तेरा सवाली, शक्तिशाली शेरों वाली माँ जगदम्बे।

शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥


पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।

शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥


........................................................................................................
मीन संक्रांति का महत्व

मान्यताओं के अनुसार जब भगवान सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो मीन संक्रांति मनाई जाती है। यह तिथि फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होती है।

छठि मैया बुलाए (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू
बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू

उत्पन्ना एकादशी के नियम

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है।

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर( RadhaKrishn Prana Mora Yugal Kishor)

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर ।
जीवने मरणे गति आर नाहि मोर ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।