महाराज विनायक आओ: भजन (Maharaj Vinayak Aao)

गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


रणत भवन से आवो नी गजानन,

संग में रिद्धि सिद्धि ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


ब्रम्हा जी आवो देवा विष्णु पधारो,

संग में सरस्वती ले आवो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


नांदिये सवारी शिव भोला पधारो,

संग में पार्वती ने ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


सिंघ सवारी नवदुर्गे पधारो,

संग में काळा गौरा ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


लीले सवारी बाबा रामदेव आवो,

संग में मेतल राणी ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


तानसेन देवा थारो यश गावे,

भूल्या ने राह बतावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥

........................................................................................................
चलो मन गंगा जमुना तीर (Chalo Man Ganga Yamuna Teer)

चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,

कार्तिक पूर्णिमा के यम नियम

हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। यह पवित्र महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे धार्मिक जागरण और पुण्य कर्मों का मास भी माना जाता है।

स्वर्ण स्वर भारत (Swarn Swar Bharat)

है नया ओज है नया तेज,
आरंभ हुआ नव चिंतन

देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ(Dena Ho To Dijiye Janam Janam Ka Sath)

देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।