स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम - शब्द कीर्तन (Swasa Di Mala Nal Simaran Main Tera Nam)

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम,

बन जावा बन्दा मैं तेरा हे किरपा निधान


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम


एसी जी किरपा करो प्रभु मेरे,

छडीये जंजाला नु बन जाइये तेरे,

जिस दिन तू बिसरे निकल जाये मेरी जान,


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम


संगता दी सेवा करदा रहा मैं,

चरना ते मस्तक धरदा रहा मैं,

मेरी खल दे जोड़े गुरु दे सिख हंडायो,


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम


सदा पकड़ो मेरी बाहा किते रुल ना जावा,

सुख विच पे के एनु भूल न जावा,

चरना नाल जोड़ो हरी जी, अपना विरद पछाना,


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम


दाड़ी हां मैं गुरु नानक दे घर दा,

चंगा हा मंदा हा बन्दा हां उसदा,

मेरा है तन मन सब ओहना तो कुर्बान,


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम


गुरु मेनू पिला दे तू अमृत दा प्याला,

रंग दे मेरे दिल नु मैं हो जावा मतवाला,

मेनू सतिगुरु जी तेरे दर्शन दी तांग,


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम


कोटा ब्रिह्मांड दा माल्क तू स्वामी,

सबना नु देंदा है तू अन्तर्यामी,

तू देंदा नही थक्दा युगों युग देनदा है दान,


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,

तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम

........................................................................................................
लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो(Lalla Ki Sun Ke Mai Aayi Yashoda Maiya Dedo Badhai)

लल्ला की सुन के मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,

उत्पन्ना एकादशी के उपाय

उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

सुनलो बाबा बजरंगी, मैं कैसे तुझे रिझाऊं (Sunlo Baba Bajrangi Main Kaise Tujhe Rijhaun)

सुनलो बाबा बजरंगी,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं,

माँ रेवा: थारो पानी निर्मल (Maa Rewa: Tharo Pani Nirmal)

माँ रेवा थारो पानी निर्मल,
खलखल बहतो जायो रे..

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।