तू मेरा राखा सबनी थाई - गुरुवाणी शब्द कीर्तन (Tu Mera Rakha Sabni Thai)

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी


तुम्हारी किरपा ते तुद पछाणा,

तू मेरी ओट तू हैं मेरा माना

तू मेरी ओट तू हैं मेरा माना

तुझ बिन दूजा अवार ना कोई

सब तेरा खेल पासारो जी,

सब तेरा खेल पासारो जी

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,


जिय जंत सब तुद उपाए,

जित जित भाणा तित तित लाये

सब किछ किता तेरा होवै

सब किछ किता तेरा होवै

नाही किछ असाडा जियो,

नाही किछ असाडा जियो

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,


नाम ध्याये महा सुख पाया,

हर गुण गाऐ मेरा मन सितलाया

गुरु पुरे वाजी वधाई

नानक जिता बिखाङा जी,

नानक जिता बिखाङा जी,

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,


तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,

तू मेरा पिता, तू हैं मेरा माता

तू मेरा बंधप, तू मेरा भ्राता

........................................................................................................
पापमोचनी एकादशी विष्णु पूजा विधि

पापमोचनी एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है। पापमोचनी एकादशी व्रत का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है, जहां इस बात की चर्चा की गई है, की इस व्रत का पालन करने से मनुष्य अपने पिछले जन्मों के दोषों से भी मुक्त हो सकता है।

चैत्र अमावस्या पर करें पितृ सूक्त पाठ

हिंदू धर्म में चैत्र मास की अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। यह दिन पूर्वजों को याद करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण करने के लिए शुभ माना जाता है।

उंचिया पहाड़ा वाली माँ, हो अम्बे रानी (Uchiya Pahadawali Maa O Ambe Rani)

उंचिया पहाड़ा वाली माँ,
हो अम्बे रानी,

माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।