कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है (Kardo Dur Prabhu Mere Mann Me Andhera Hai)

कर दो दूर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है,

जब से तेरी लगन लगी,

हुआ मन में सवेरा है,

कर दों दुर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है ॥


हरी तुमसे बिछड़े हुए,

कई युग बीत गए,

अब आन मिलो प्रियतम,

मेरे मन में प्यार तेरा है,

कर दों दुर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है ॥


इतना तो बता दो मुझे,

मेरी मंज़िल है कहाँ,

अब ले चलो मुझको,

जहाँ संतो का डेरा है,

कर दों दुर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है ॥


दर्शन पाये बिना,

दर से हटेंगे नहीं,

अब हमने डाल लिया,

तेरे दर पे डेरा है,

कर दों दुर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है ॥


जब से तेरी लगन लगी,

मेरे मन की कलियाँ खिलीं,

अब जाग उठी किस्मत,

हुआ दर्शन तेरा है,

कर दों दुर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है ॥


कर दो दूर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है,

जब से तेरी लगन लगी,

हुआ मन में सवेरा है,

कर दों दुर प्रभु,

मेरे मन में अँधेरा है ॥

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चैत्र नवरात्रि पूजा नियम

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है - चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।

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