भोले शिव मंगलकारी, भोले की महिमा न्यारी (Bhole Shiv Mangalkari Bhole Ki Mahima Nyari)

भोले शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी,

भोले की भक्ति कर लो,

भोले को भक्ति प्यारी,

भोले को ध्यान में धरके,

निकलेगा जो मंदिर से,

भोले हर लेंगे उसकी,

पीड़ा ही सारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


खुद विष पी अमृत को त्यागे,

ऐसा कौन निराला जग में,

ऐसा कौन निराला,

भस्मासुर पे खुश हो के,

मनचाहा वर दे डाला,

जग में ऐसा कौन निराला,

वो है भोला मेरा

वो है गंगाधरा,

आधा वो नर बन जाए,

आधा वो नारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


चाहे चढ़ाओ बिल्वपत्र या,

चाहे फूल चढ़ाओ,

वो तो भावों का है भूखा,

पकवानो का भोग लगाओ,

चाहे भांग धतूरा,

चाहे रख दो रुखा सूखा,

प्रेम से जो भी दो,

भावों से जो भी दो,

सबके मन की रखता है,

भोला भंडारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


जो मस्तक पे गंगा धारे,

उसपे जल की धारा,

कैसी लीला उसकी न्यारी,

जिसको पूजे सुरनर मुनिजन,

रावण को जो प्यारा,

वो है शिव शंकर त्रिपुरारी,

उसके नाम अनेक,

उसके रूप अनेक,

कृष्णा भी पूजे पूजे,

अवध बिहारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


भोले शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी,

भोले की भक्ति कर लो,

भोले को भक्ति प्यारी,

भोले को ध्यान में धरके,

निकलेगा जो मंदिर से,

भोले हर लेंगे उसकी,

पीड़ा ही सारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥

........................................................................................................
सूर्यग्रहण का इन तीन राशियों पर असर

29 मार्च के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन शनि देव भी मीन राशि में गोचर करेंगे। यह एक दुर्लभ महासंयोग है जो राशियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।

तेरे द्वार पे आने वालो ने, क्या अजब नज़ारा देखा है (Tere Dawar Pe Aane Walon Ne Kya Ajab Nazara Dekha Hai)

तेरे द्वार पे आने वालो ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,

राधिके ले चल परली पार(Radhike Le Chal Parli Paar)

गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।

देवी दुर्गा की 10 महाविद्या की साधना

हिंदू वैदिक पंचाग के अनुसार, 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। हिंदू धर्म में हर साल 4 नवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह की गुप्त नवरात्रि अंतिम नवरात्रि होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने