छठि मैया बुलाए (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू

बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू

उहे घरवा उहे गलिया पुकारे

छठि मैया रास्ता निहारे

जय हो छठि मैया

बुलावे छठि मैया


अंगना में जीजी संग मौसी

छठि माई के गीत गाए

छठि माई के गीत गाए

अंगना में जीजी संग मौसी

छठि माई के गीत गाए

छठि माई क गीत गाए

सज धज के नयिकी दुल्हिन

पर्व के ठेकुआ बनाए

पर्व के ठेकुआ बनाए

हे छठि मैया होउ ना सहाय

हे छठि मैया होउ ना सहाय


बाबूजी गेलथुन केलवा किनाये

पटना बजरवा से नेमुआ ले आये

फलवा से बबुनी बहंगी सजाए

हो फलवा के भरवा से लचकत जाए

बहंगी लचकत जाए

बहंगी लचकत जाए


पानी में खड़ा होके बरती

मांगे आशीष अपार

मांगे आशीष अपार

सबके सुहागिन रखिह

दिह उमिर हजार

दिह उमिर हजार


हे दीनानाथ सुन ल पुकार

हे दीनानाथ विनती हमार

हे दीनानाथ सुन ल पुकार

हे दीनानाथ विनती हमार

हे दीनानाथ सुन ल पुकार

हे दीनानाथ विनती हमार


पुरा जग से हारे

आए तेरे द्वारे

सुने हैं कि छठि माय

भाग संवारे

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बधाई भजन: बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे (Badhai Bhajan Baje Kundalpur Me Badayi Nagri Me Veer Janme)

बजे कुण्डलपर में बधाई,
के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी

मैं तो अपने मोहन की प्यारी (Me Too Apne Mohan Ki Pyari, Sajan Mero Girdhari)

मैं तो अपने मोहन की प्यारी,
सजन मेरो गिरधारी,

शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)

शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,

पहली बार सकट चौथ करते समय इन बातों का ध्यान रखें

हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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