वर दे, वीणा वादिनि वर दे: सरस्वती वंदना (Var De Veena Vadini Var De: Saraswati Vandana)

वर दे, वीणावादिनि वर दे ।

प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव

भारत में भर दे ।

वीणावादिनि वर दे ॥


काट अंध उर के बंधन स्तर

बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर

कलुष भेद तम हर प्रकाश भर

जगमग जग कर दे ।

वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥


नव गति, नव लय, ताल छंद नव

नवल कंठ, नव जलद मन्द्र रव

नव नभ के नव विहग वृंद को,

नव पर नव स्वर दे ।

वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥


वर दे, वीणावादिनि वर दे।

प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव

भारत में भर दे ।

वीणावादिनि वर दे ॥

- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

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बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)

बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,

कलावा उतारने के नियम

सनातन धर्म में कलावा बांधने का काफ़ी महत्व है। इसे रक्षा सूत्र के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, हाथ पर कलावा बांधने की शुरुआत माता लक्ष्मी से जुड़ी हुई है।

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो (Prathamesh Gajanan Naam Tero)

प्रथमेश गजानन नाम तेरो,
हृदय में पधारो मेहर करो,

लाड़ली अद्भुत नजारा, तेरे बरसाने में है (Ladli Adbhut Nazara, Tere Barsane Me Hai)

तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा,

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