आरती अन्नपूर्णा माता जी की (Aarti Annapurna Mata Ji Ki)

 ॥ श्री अन्नपूर्णा माता जी की आरती ॥

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम।

जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम।

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारे, लेते होत सब काम॥

प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,कालान्तर तक नाम।

बारम्बार प्रणाम...

सुर सुरों की रचना करती,कहाँ कृष्ण कहाँ राम॥

चूमहि चरण चतुर चतुरानन,चारु चक्रधर श्याम।

बारम्बार प्रणाम...

चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर,शोभा लखहि ललाम॥

देवी देव दयनीय दशा में, दया दया तव नाम।

बारम्बार प्रणाम...

त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,शरण रूप तव धाम॥

श्रीं, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं ऐं विद्या,श्रीं क्लीं कमल काम।

बारम्बार प्रणाम...

कान्तिभ्रांतिमयी कांति शांतिमयी वर देतु निष्काम॥

बारम्बार प्रणाम...

बोलिये अन्नपूर्णा माता की जय

........................................................................................................
मेरा श्याम बड़ा अलबेला (Mera Shyam Bada Albela)

मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी में मार गया ढेला,

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी (Maiya Aarasuri Kar Jo Aasha Puri)

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी म्हारी अम्बे,
हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

इतनी किरपा कीजिये, सालासर हनुमान(Itni Kripa Kijiye Salasar Hanuman)

इतनी किरपा कीजिये
सालासर हनुमान,

सजा दों उज्जैनी दरबार (Saja Do Ujjaini Darbar)

सजा दो उज्जैनी दरबार,
मेरे महाकाल आये है ॥

यह भी जाने