आरती श्री वैष्णो देवी मां की (Aarti of Shri Vaishno Devi Maa Ki)

॥ आरती श्री वैष्णो देवी ॥

जय वैष्णवी माता,मैया जय वैष्णवी माता।हाथ जोड़ तेरे आगे,आरती मैं गाता॥मैया जय वैष्णवी माता...शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी। गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥ मैया जय वैष्णवी माता... ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे। सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥ मैया जय वैष्णवी माता... सुन्दर गुफा तुम्हारी,मन को अति भावे। बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥ मैया जय वैष्णवी माता... भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे। ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे॥ मैया जय वैष्णवी माता... पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा। दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥ मैया जय वैष्णवी माता... जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे। उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥ मैया जय वैष्णवी माता... इतनी स्तुति निश-दिन,जो नर भी गावे। कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे॥ मैया जय वैष्णवी माता... जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता। हाथ जोड़ तेरे आगे,आरती मैं गाता॥ बोलिये वैष्णो महारानी की जय

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दिसंबर में कब है दुर्गा अष्टमी?

शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस दिन विधिवत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होती है। इस विधि-विधान से व्रत और पूजा करके मां दुर्गा की स्तुति की जाती है।

बधैया बाजे आँगने में (Badhaiya Baje Angane Mein)

बधैया बाजे आँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥

ललिता माता के 108 नाम

दस महाविद्याओं की साधना करना बहुत ही कठिन है लेकिन यदि साधना सफल हो जाती है तो होता है चमत्कार। दस महाविद्याओं में से एक है माता ललिता।

नैनो मे तेरी ज्योति, सांसो में तेरा नाम(Naino Mein Teri Jyoti Sanso Mein Tera Naam)

नैनो में तेरी ज्योति,
सांसो में तेरा नाम ॥

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