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आ जाओ सरकार, दिल ने पुकारा है (Aa Jao Sarkar Dil Ne Pukara Hai)

आ जाओ सरकार,

दिल ने पुकारा है,

हारे ये नैनो के तार,

ओझल नजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


फितरत ज़माने की,

बड़ी ही बेगैरत है,

कोई नही यार,

तू ही हमारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


जाऊं किस डगर पे मुझको,

नसीहत तो दीजिए,

छाया है अंधकार,

करना उजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


रहमत की अपनी थोड़ी,

वसीयत तो कीजिये,

कहलाते दातार,

भरा भंडारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


‘निर्मल’ की रूह से तो,

पूछ करके देखिए,

दूजा मिले ना सार,

श्याम ही गवारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


आ जाओ सरकार,

दिल ने पुकारा है,

हारे ये नैनो के तार,

ओझल नजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

देवी सरस्वती स्तोत्रम् (Devi Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।

मां वेदों ने जो तेरी महिमा कही है (Maa Vedon Ne Jo Teri Mahima Kahi Hai)

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,
माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

भोले ओ भोले आया दर पे (Bhole O Bhole Aaya Dar Pe)

भोले ओ भोले आया दर पे,
मेरे सिर पे,

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