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छठ पूजा: आदितमल के पक्की रे सड़कीया - छठ गीत (Aaditamal Ke Pakki Re Sadkiya)

आदितमल के पक्की रे सड़कीया,

कुजडा छानेला दोकान,

कुजडा छानेला दोकान ।


आदितमल के पक्की रे सड़कीया,

कुजडा छानेला दोकान,

कुजडा छानेला दोकान ।


घोडवा चढल अईले कवन देव,

करे लगले नरियर के मोल,

करे लगले फलवा के मोल ।


हाली हाली कर भैया मोलवा

भईले अरघीया के जून,

भईले अरघीया के जून ।


उगी ना आदितमल चमक से,

अरघ लिहीना मन से,

अरघ लिहीना मन से।


मनसा दिहीना पूराए,

मनसा दिहीना पूराए।


मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा और महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।

अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम् (Ath Vedokta Ratri Suktam)

वेदोक्तम् रात्रि सूक्तम् यानी वेद में वर्णन आने वाले इस रात्रि सूक्त का पाठ कवच, अर्गला और कीलक के बाद किया जाता है। इसके बाद तन्त्रोक्त रात्रि सूक्त और देव्यथर्वशीर्षम् स्तोत्रम् का पाठ किया जाता है।

जिस देश में, जिस भेष में, जिस धाम में रहो(Jis Desh Mein Jis Vesh Main Raho)

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राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो

राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे (Ram Bhi Milenge Tujhe Shyam Bhi Milenge)

राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे,

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