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आउंगी आउंगी मै अगले, बरस फिर आउंगी (Aaungi Aaungi Main Agle Baras Phir Aaungi)

आउंगी आउंगी मैं अगले,

बरस फिर आउंगी,

लाऊंगी लाऊंगी तेरी,

लाल चुनरियाँ लाऊंगी ॥


माता ओ माता,

पहाड़ो वाली माता ॥


तेरी महिमा सुनते है,

तेरी महिमा गाते है,

आँख में आंसू लाते है,

मोती लेकर जाते है ॥


आउंगी आउंगी मैं अगले,

बरस फिर आउंगी,

लाऊंगी लाऊंगी तेरी,

लाल चुनरियाँ लाऊंगी ॥


पर्वत पे है डेरा,

ऊँचा मंदिर तेरा,

तेरी शरण में आके,

जागा जीवन मेरा,

जय शेरावाली दी,

जय मेहरवाली दी,

जय मातारानी दी ॥


माता ओ माता,

पहाड़ो वाली माता ॥


मन में है तेरी भक्ति,

हम जाने तेरी शक्ति,

दुःख क्या है दुःख छाया,

भी हमको छू नहीं सकती ॥


जितनी शक्तिशाली,

उतनी ही तू भोली,

बिन मांगे ही तूने,

भर दी मेरी झोली ॥


जय शेरावाली दी,

जय मेहरवाली दी,

जय मातारानी दी ॥


आउंगी आउंगी मै अगले,

बरस फिर आउंगी,

लाऊंगी लाऊंगी तेरी,

लाल चुनरियाँ लाऊंगी ॥


तन पूजा की थाली,

सामग्री है मन की,

माँ तेरे चरणों में,

भेंट ये निर्धन की,

जय भवना वाली दी,

जय छतरा वाली दी,

जय माता रानी दी ॥


आउंगी आउंगी मै अगले,

बरस फिर आउंगी,

लाऊंगी लाऊंगी तेरी,

लाल चुनरियाँ लाऊंगी ॥


तेरी महिमा सुनते है,

तेरी महिमा गाते है,

आँख में आंसू लाते है,

मोती लेकर जाते है ॥


आउंगी आउंगी मै अगले,

बरस फिर आउंगी,

लाऊंगी लाऊंगी तेरी,

लाल चुनरियाँ लाऊंगी ॥


माता ओ माता,

पहाड़ो वाली माता ॥

श्री बृहस्पतिवार/गुरुवार की व्रत कथा (Shri Brispatvaar /Guruvaar Ki Vrat Katha

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