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अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार (Ab Saump Diya Is Jeevan Ka, Sab Bhar)

अब सौंप दिया इस जीवन का,

सब भार तुम्हारे हाथों में,

है जीत तुम्हारे हाथों में,

और हार तुम्हारे हाथों में ॥


मेरा निश्चय है बस एक यही,

एक बार तुम्हे पा जाऊं मैं,

अर्पण करदूँ दुनिया भर का,

सब प्यार तुम्हारे हाथों में ॥


जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ,

जैसे जल में कमल का फूल रहे,

मेरे सब गुण दोष समर्पित हों,

करतार तुम्हारे हाथों में ॥


यदि मानव का मुझे जन्म मिले,

तो तेरे चरणों का पुजारी बनूँ,

इस पूजा की एक एक रग का,

हो तार तुम्हारे हाथों में ॥


जब जब संसार का कैदी बनू,

निष्काम भाव से कऱम करूँ,

फिर अंत समय में प्राण तजूं,

निराकार तुम्हारे हाथों में ॥


मुझ में तुझ में बस भेद यही,

मैं नर हूँ तुम नारायण हो,

मैं हूँ संसार के हाथों में,

संसार तुम्हारे हाथों में ॥


अब सौंप दिया इस जीवन का,

सब भार तुम्हारे हाथों में,

है जीत तुम्हारे हाथों में,

और हार तुम्हारे हाथों में ॥

दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को क्या भोग लगाएं

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।

गृह प्रवेश पूजा विधि

गृह प्रवेश पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है जो नए घर में प्रवेश करने से पहले किया जाता है। आम तौर पर जब व्यक्ति नया घर बनाता है या किसी नए स्थान पर जाता है, तो वहां की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए गृह प्रवेश पूजा की जाती है।

ऐ मालिक तेरे बंदे हम (Aye Malik Tere Bande Hum)

ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम