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अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता हे भगवान आते नहीं,

तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता है भगवान खाते नहीं,

बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता है भगवान सोते नहीं,

माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,

गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


नाम जपते चलो काम करते चलो,

हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


याद आएगी उनको कभी ना कभी,

कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।

हरी नाम सुमिर सुखधाम, जगत में (Hari Nam Sumir Sukhdham Jagat Mein)

हरी नाम सुमिर सुखधाम,
हरी नाम सुमिर सुखधाम

आईं महादेवी अवतार, भवानी मोरे अंगना में (Aayi Mahadevi Avtar, Bhawani More Angna Main)

आयी महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥

बसंत पंचमी पूजा विधि

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उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी मंजरी का उपाय

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