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बालाजीं मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं (Balaji Meri Bigdi Bana Do Mere Balaji)

बालाजी बालाजी,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

तेरे चरणों में आया दीवाना जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


माता अंजनी के प्यारे दुलारे हो तुम,

भोले बाबा के रूद्र अवतारी हो तुम,

जग में बाजे तुम्हारा ही डंका जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


राम संकट में तुम सहारा बने,

सीताराम जी का आँखों का तारा बने,

तुमसा कोई नहीं जग में दूजा जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


दास ‘योगेंद्र’ दरबार आया प्रभु,

चरण ‘कमल’ भी अरदास लाया प्रभु,

पाएं जन्म जन्म वर चाहूँ जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

तेरे चरणों में आया दीवाना जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

प्रदोष व्रत पर क्या करें या न करें

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत प्रत्येक महीने में दो बार, त्रयोदशी तिथि को (स्नान, दिन और रात के समय के अनुसार) किया जाता है, एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में।

भोले तेरी बंजारन (Bhole Teri Banjaran)

बंजारन मैं बंजारन,
भोले तेरी बंजारन,

यही है प्रार्थना प्रभुवर (Yahi Hai Rrarthana Prabhuvar Jeevan Ye Nirala Ho)

सरलता, शीलता, शुचिता हों भूषण मेरे जीवन के।
सचाई, सादगी, श्रद्धा को मन साँचे में ढाला हो॥

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