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अनमोल तेरा जीवन, यूँ ही गँवा रहा है (Anmol Tera Jeevan Yuhi Ganwa Raha Hai)

अनमोल तेरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है,

किस ओर तेरी मंजिल,

किस ओर जा रहा है,

अनमोल तेंरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है ॥


सपनो की नींद में ही,

यह रात ढल न जाये,

पल भर का क्या भरोसा,

कही जान निकल ना जाये,

गिनती की है ये साँसे,

यूँ ही लुटा रहा है ।


किस ओर तेरी मंजिल,

किस ओर जा रहा है,

अनमोल तेंरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है ॥


जायेगा जब यहाँ से,

कोई ना साथ देगा,

इस हाथ जो दिया है,

उस हाथ जा के लेगा,

कर्मो की है ये खेती,

फल आज पा रहा है ।


किस ओर तेरी मंजिल,

किस ओर जा रहा है,

अनमोल तेंरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है ॥


ममता के बन्धनों ने,

क्यों आज तुझको घेरा,

सुख में सभी है साथी,

कोई नहीं है तेरा,

तेरा ही मोह तुझको,

कब से रुला रहा है ।


किस ओर तेरी मंजिल,

किस ओर जा रहा है,

अनमोल तेंरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है ॥


जब तक है भेद मन में,

भगवान से जुदा है,

खोलो जो दिल का दर्पण,

इस घर में ही खुदा है,

सुख रूप हो के भी तू,

दुःख आज पा रहा है ।


किस ओर तेरी मंजिल,

किस ओर जा रहा है,

अनमोल तेंरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है ॥


अनमोल तेरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है,

किस ओर तेरी मंजिल,

किस ओर जा रहा है,

अनमोल तेंरा जीवन,

यूँ ही गँवा रहा है ॥

गजानंद मैहर करो(Gajanand Mehar Karo)

ओ गणनायक महाराज सुमिरा जोडू दोनों हाथ,
ओ गणनायक महाराज,

जब तें रामु ब्याहि घर आए(Jab Te Ram Bhayai Ghar Aaye)

श्री गुरु चरन सरोज रज
निज मनु मुकुरु सुधारि ।

श्री दुर्गा चालीसा

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मौनी अमावस्या के उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ का महीना 11वां होता है। इस माह में पड़ने वाले व्रत का विशेष महत्व होता है। इनमें मौनी अमावस्या भी शामिल है। माघ माघ की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।

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