नवीनतम लेख

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी: भजन (Balaji Mhara Kasht Niwaro Ji)

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥


बालाजी प्रभु राम जी का प्यारा जी,

म्हारी विनती सुन लीजो,

बाबा थाने पुकारा जी ॥


लंका में जाकर आग लगाई जी,

सागर में जाकर के,

बाबा पूंछ बुझाई जी ॥


थाने रामनाम की धुन अच्छी लागे जी,

सूती किस्मत बाबा,

थारे नाम से जागे जी ॥


दुखड़ा में बाबो दोड़्यो ही आवे जी,

हम सब पर मेहर करो,

थारी महिमा गावा जी ॥


बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥

लट्ठमार होली कैसे खेली जाती है

बरसाने में लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो इस साल 8 मार्च को पड़ रही है। यह त्योहार राधा-कृष्ण के प्रेम की लीलाओं को दर्शाता है।

मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त

माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए भारी संख्या में भक्त आते हैं।

उलझ मत दिल बहारो में (Ulajh Mat Dil Baharo Men)

उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,

बच्छ बारस व्रत कथा (Bachh Baras Vrat Katha)

बच्छ बारस एक महत्वपूर्ण व्रत है जो माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए रखती हैं।

यह भी जाने