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बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी: भजन (Balaji Mhara Kasht Niwaro Ji)

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥


बालाजी प्रभु राम जी का प्यारा जी,

म्हारी विनती सुन लीजो,

बाबा थाने पुकारा जी ॥


लंका में जाकर आग लगाई जी,

सागर में जाकर के,

बाबा पूंछ बुझाई जी ॥


थाने रामनाम की धुन अच्छी लागे जी,

सूती किस्मत बाबा,

थारे नाम से जागे जी ॥


दुखड़ा में बाबो दोड़्यो ही आवे जी,

हम सब पर मेहर करो,

थारी महिमा गावा जी ॥


बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

मैं कितना अधम हूँ, ये तुम ही जानो (Main Kitna Adham Hu Ye Tum Hi Jano)

मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,

मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए (Mujhe Tera Sahara Sada Chahiye)

आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,
मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥

जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए (Jo Khel Gaye Parano Pe Bhajan)

जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो,

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