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ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया (Odhoji Odho Dadi Mhari Bhi Chunariya)

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,

म्हारी भी चुनरिया,

शान से ल्याया थारा,

टाबरिया थारा बालकिया,

ओढो म्हारी भी चुनरिया,

ओढो जी ओढो दादी,

म्हारी भी चुनरिया ॥


राचणी मेहंदी थारे,

हाथां में लगावा,

गजरो बनावा थारे,

जुड़े में सजावा,

फूल मंगाया बढ़िया बढ़िया,

ओढो म्हारी भी चुनरिया,

ओढो जी ओढो दादी,

म्हारी भी चुनरिया ॥


दादी जी आओ थारे,

भोग लगावा,

हलवा पूड़ी मेवा का,

थाल सजावा,

खीर बनवाई दादी केसरिया,

ओढो म्हारी भी चुनरिया,

ओढो जी ओढो दादी,

म्हारी भी चुनरिया ॥


चुनड़ी ओढ़ाया म्हारो,

मान बढ़ेगो,

और भी थारो,

सिणगार खिलेगो,

‘सोनू’ सरावेगी या सारी दुनिया,

ओढो म्हारी भी चुनरिया,

ओढो जी ओढो दादी,

म्हारी भी चुनरिया ॥


ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,

म्हारी भी चुनरिया,

शान से ल्याया थारा,

टाबरिया थारा बालकिया,

ओढो म्हारी भी चुनरिया,

ओढो जी ओढो दादी,

म्हारी भी चुनरिया ॥

हमारे भोले बाबा को, मना लो जिसका दिल चाहे (Hamare Bhole Baba Ko Mana Lo Jiska Dil Chahe)

हमारे भोले बाबा को,
मना लो जिसका दिल चाहे,

साल का सबसे शुभ दिन कार्तिक पूर्णिमा

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। इस दिन का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है और इसे पूजा, पाठ और दान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है।

अन्नपूर्णा जयंती के दिन उपाय

सनातन धर्म में माता अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना गया है। इसलिए, हर साल मार्गशीर्ष माह में अन्नपूर्णा जयंती मनायी जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता पार्वती धरती पर मां अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित हुई थीं।

मार्गशीर्ष माह के यम-नियम

मार्गशीर्ष माह में यम नियम का अनुसरण करके व्यक्ति अपने वर्तमान जीवन को सुधार सकता है। साथ ही अपने आगामी जन्मों के लिए भी अच्छा भाग्य अर्जित कर सकता है। ये माह कई मायनों में विशेष होता है।

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