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बालाजी तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ (Balaji Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rjhane Aaya Hun)

बालाजी तुम्हारे चरणों में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


प्रभु का चरणामृत लेने को,

है पास मेरे कोई पात्र नहीं,

प्रभु का चरणामृत लेने को,

है पास मेरे कोई पात्र नहीं,

आँखों के दोनों प्यालों से,

कुछ भीख मांगने आया हूँ,

बाला जी तुम्हारे चरणो में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


तुमसे लेकर क्या भेंट धरूँ,

बालाजी तुम्हारे चरणो में,

तुमसे लेकर क्या भेंट धरूँ,

बालाजी तुम्हारे चरणो में,

मैं सेवक हूँ तुम दाता हो,

संबंध बताने आया हूँ,

बाला जी तुम्हारे चरणो में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


सेवा की कोई वस्तु नहीं,

फिर भी मेरा साहस देखो,

सेवा की कोई वस्तु नहीं,

फिर भी मेरा साहस देखो,

रो रो कर आज आंसुओ का,

मैं हार चढाने आया हूँ,

बाला जी तुम्हारे चरणो में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


बालाजी तुम्हारे चरणों में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


रंग पंचमी के उपाय

रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

मैया ना भुलाना, हमको (Maiya Na Bhulana Humko )

मैया ना भुलाना,
हमको ना भुलाना,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

मैया बधाईं है बधाईं है (Maiya Badhai Hai Badhai Hai)

मैया बधाई है बधाई है,
बाबा बधाई है बधाई है,

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