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भज राधे गोविंदा रे पगले(Bhaj Radhe Govinda Re Pagle)

भज राधे गोविंदा रे पगले,

भज राधे गोविंदा रे,

तन परिंदे को छोड़ कही,

उड़ जाये ना प्राण परिंदा रे,

भज राधें गोविंदा रे पगले,

भज राधे गोविंदा रे ॥


झूठी सारी दुनियादारी,

झूठा तेरा मेरा रे,

आज रुके कल चल देगा,

ये जोगी वाला फेरा रे,

सब साथी है झूठे जगत के,

सच्चा एक गोविंदा रे,

भज राधें गोविंदा रे पगले,

भज राधे गोविंदा रे ॥


इस जीवन में सुख की कलियाँ,

और सभी दुःख के कांटें,

सुख में हर कोई हिस्सा मांगे,

कोई भी ना दुःख बांटे,

भेद भाव को छोड़ दे पगले,

मत कर तू परनिंदा रे,

भज राधें गोविंदा रे पगले,

भज राधे गोविंदा रे ॥


इस चादर को बड़े जतन से,

ओढ़े दास कबीरा रे,

इसे पहन विष पान कर गई,

प्रेम दीवानी मीरा रे,

इस चादर को पाप करम से,

मत कर तू अब गन्दा रे,

भज राधें गोविंदा रे पगले,

भज राधे गोविंदा रे ॥


भज राधे गोविंदा रे पगले,

भज राधे गोविंदा रे,

तन परिंदे को छोड़ कही,

उड़ जाये ना प्राण परिंदा रे,

भज राधें गोविंदा रे पगले,

भज राधे गोविंदा रे ॥

राधा रानी की पूजा विधि

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

Shri Baglamukhi Chalisa (श्री बगलामुखी चालीसा)

नमो महाविद्या बरदा , बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल।।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प‌द्मा एकादशी (Aashaadh Shukla Paksh Ki Padma Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा-हे भगवन् ! आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम और क्या माहात्म्य है और उस दिन किस देवता की पूजा किस विधि से करनी चाहिए? कृपया यह बतलाइये।

बरसाने की लट्ठमार होली

बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे।

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