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भर दे सभी की झोली, मेहंदीपुर वाले बाला (Bharde Sabhi Ki Jholi Mehndipur Wale Bala)

भर दे सभी की झोली,

मेहंदीपुर वाले बाला,

बिगड़ी बनेगी तेरी,

बिगड़ी बनेगी तेरी,

बनके सवाली आजा,

भर दें सभी की झोली,

मेहंदीपुर वाले बाला ॥


आए यहां सवाली,

लौटा ना कोई खाली,

बजरंगबलि की देखो,

रहमत बड़ी निराली,

होगी मुराद पूरी,

होगी मुराद पूरी,

अर्जी यहाँ लगा जा,

भर दें सभी की झोली,

मेहंदीपुर वाले बाला ॥


बाला के दर पे देखो,

सोना बरस रहा है,

आ भरले तू भी दामन,

तू तरस रहा है,

सब के लिए खुला है,

सब के लिए खुला है,

रहमत का दरवाजा,

भर दें सभी की झोली,

मेहंदीपुर वाले बाला ॥


इस दर पे आके देखो,

सबका नसीब चमके,

मिट जाएं सब बलाएं,

बाला के ही करम से,

इस दर पे देख ले कभी,

इस दर पे देख ले कभी,

बनता फकीर राजा,

भर दें सभी की झोली,

मेहंदीपुर वाले बाला ॥


भर दे सभी की झोली,

मेहंदीपुर वाले बाला,

बिगड़ी बनेगी तेरी,

बिगड़ी बनेगी तेरी,

बनके सवाली आजा,

भर दें सभी की झोली,

मेहंदीपुर वाले बाला ॥

माँ का है जगराता, माँ को आज मनाएंगे(Maa Ka Hai Jagrata Maa Ko Aaj Manayenge)

माँ का है जगराता,
माँ को आज मनाएंगे,

शबरी जंयती की पूजा विधि

शबरी जयंती सनातन धर्म में महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हर साल माता शबरी के जन्मोत्सव के रूप में शबरी जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है।

जब जब इनके भक्तों पे, कोई संकट आता है(Jab Jab Inke Bhakto Pe Koi Sankat Aata Hai)

जब जब इनके भक्तों पे,
कोई संकट आता है,

मत रोवै ए धौली धौली गाँ (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,

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