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भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू (Bhole Baba Ne Yuhi Bajaya Damru)

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ ब्रह्मा चले वहाँ विष्णु चले,

माँ लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ सूरज चले वहाँ चंदा चले,

वहाँ तारो का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ राम चले सीता लक्ष्मण चले,

वहाँ हनुमत का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ कृष्ण चले वहाँ राधा चले,

वहाँ मीरा का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥

सूर्य स्तोत्र

विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः।
लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः ॥ लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।

षटतिला एकादशी मंत्र

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के कहते हैं।

प्रथम गणराज को सुमिरूं, जो रिद्धि सिद्धि दाता है (Pratham Ganraj Ko Sumiru Jo Riddhi Siddhi Data Hai)

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,
प्रथम गणराज को सुमिरूँ,

इतनी किरपा सांवरे बनाये रखना(Itni Kirpa Sanware Banaye Rakhna)

इतनी किरपा सांवरे बनाये रखना
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