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भोले शिव मंगलकारी, भोले की महिमा न्यारी (Bhole Shiv Mangalkari Bhole Ki Mahima Nyari)

भोले शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी,

भोले की भक्ति कर लो,

भोले को भक्ति प्यारी,

भोले को ध्यान में धरके,

निकलेगा जो मंदिर से,

भोले हर लेंगे उसकी,

पीड़ा ही सारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


खुद विष पी अमृत को त्यागे,

ऐसा कौन निराला जग में,

ऐसा कौन निराला,

भस्मासुर पे खुश हो के,

मनचाहा वर दे डाला,

जग में ऐसा कौन निराला,

वो है भोला मेरा

वो है गंगाधरा,

आधा वो नर बन जाए,

आधा वो नारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


चाहे चढ़ाओ बिल्वपत्र या,

चाहे फूल चढ़ाओ,

वो तो भावों का है भूखा,

पकवानो का भोग लगाओ,

चाहे भांग धतूरा,

चाहे रख दो रुखा सूखा,

प्रेम से जो भी दो,

भावों से जो भी दो,

सबके मन की रखता है,

भोला भंडारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


जो मस्तक पे गंगा धारे,

उसपे जल की धारा,

कैसी लीला उसकी न्यारी,

जिसको पूजे सुरनर मुनिजन,

रावण को जो प्यारा,

वो है शिव शंकर त्रिपुरारी,

उसके नाम अनेक,

उसके रूप अनेक,

कृष्णा भी पूजे पूजे,

अवध बिहारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


भोले शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी,

भोले की भक्ति कर लो,

भोले को भक्ति प्यारी,

भोले को ध्यान में धरके,

निकलेगा जो मंदिर से,

भोले हर लेंगे उसकी,

पीड़ा ही सारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥

रानी सती आज मेरे घर आई(Rani Sati Aaj Mere Ghar Aayi)

रानी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई,

माता चंडी की पूजा विधि

मां चंडी जो विशेष रूप से शक्ति, दुर्गा और पार्वती के रूप में पूजी जाती हैं। उनका रूप रौद्र और उग्र होता है, और वे शत्रुओं का नाश करने वाली, बुराई का विनाश करने वाली और संसार को शांति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं।

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा और महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।

भानु सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा विधि

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।

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