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भोले शिव मंगलकारी, भोले की महिमा न्यारी (Bhole Shiv Mangalkari Bhole Ki Mahima Nyari)

भोले शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी,

भोले की भक्ति कर लो,

भोले को भक्ति प्यारी,

भोले को ध्यान में धरके,

निकलेगा जो मंदिर से,

भोले हर लेंगे उसकी,

पीड़ा ही सारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


खुद विष पी अमृत को त्यागे,

ऐसा कौन निराला जग में,

ऐसा कौन निराला,

भस्मासुर पे खुश हो के,

मनचाहा वर दे डाला,

जग में ऐसा कौन निराला,

वो है भोला मेरा

वो है गंगाधरा,

आधा वो नर बन जाए,

आधा वो नारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


चाहे चढ़ाओ बिल्वपत्र या,

चाहे फूल चढ़ाओ,

वो तो भावों का है भूखा,

पकवानो का भोग लगाओ,

चाहे भांग धतूरा,

चाहे रख दो रुखा सूखा,

प्रेम से जो भी दो,

भावों से जो भी दो,

सबके मन की रखता है,

भोला भंडारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


जो मस्तक पे गंगा धारे,

उसपे जल की धारा,

कैसी लीला उसकी न्यारी,

जिसको पूजे सुरनर मुनिजन,

रावण को जो प्यारा,

वो है शिव शंकर त्रिपुरारी,

उसके नाम अनेक,

उसके रूप अनेक,

कृष्णा भी पूजे पूजे,

अवध बिहारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥


भोले शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी,

भोले की भक्ति कर लो,

भोले को भक्ति प्यारी,

भोले को ध्यान में धरके,

निकलेगा जो मंदिर से,

भोले हर लेंगे उसकी,

पीड़ा ही सारी,

भोलें शिव मंगलकारी,

भोले की महिमा न्यारी ॥

नवंबर-दिसंबर से लेकर साल 2025 तक यह हैं शादी के लिए सबसे शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म में मुहुर्त का कितना महत्व है इस बात को समझने के लिए इतना ही काफी है कि हम मुहुर्त न होने पर शादी विवाह जैसी रस्मों को भी कई कई महिनों तक रोक लेते हैं।

मासिक शिवरात्रि पर जरूर करें ये उपाय

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कार्तिगाई दीपम पौराणिक कथा

कार्तिगाई दीपम का पर्व मुख्य रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

तिरुमला वैकुंठ द्वार

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