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राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक(Radhe Krishna Ki Jyoti Alokik)

राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक,

तीनों लोक में छाये रही है ।

भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन,

फिर भी दीप जलाये रही है ।

कृष्ण को गोकुल से राधे को...

कृष्ण को गोकुल से राधे को,

बरसाने से बुलाय रही है ।


दोनों करो स्वीकार कृपा कर,

जोगन आरती गाये रही है ।

दोनों करो स्वीकार कृपा कर,

जोगन आरती गाये रही है ।


भोर भये ते सांज ढ़ले तक,

सेवा कौन इतनेम म्हारो ।

स्नान कराये वो वस्त्र ओढ़ाए वो,

भोग लगाए वो लागत प्यारो ।

कबते निहारत आपकी ओर...

कबते निहारत आपकी ओर,

की आप हमारी और निहारो ।


राधे कृष्ण हमारे धाम को,

जानी वृन्दावन धाम पधारो ।

राधे कृष्ण हमारे धाम को,

जानी वृन्दावन धाम पधारो ।

मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे(Mere Ram Mere Ghar Ayenge Ayenge Prabhu Ayenge)

मेरे राम मेरे घर आएंगे,
आएंगे प्रभु आएंगे

करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)

करो हरी का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती हे,

चैत्र प्रदोष व्रत की तिथियां और मुहूर्त

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है।

मां अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna Chalisa)

विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।
अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।

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