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भोलेनाथ मेरे मरने से पहले, ऐसी चिलम पिला देना (Bholenath Mere Marne Se Pahle Aisi Chilam Pila Dena)

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,

ऐसी चिलम पिला देना,

पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,

ऐसी दम लगवा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


खोटे काम अगर गलती से,

हो गए होंगे जीवन में,

जाने अनजाने में अगर कुछ,

पाप उठे होंगे मन में,

पाप ये कोई देख ना पाए,

पाप ये कोई देख ना पाए,

मुंह पर कफ़न ओढ़ा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


घर से जब शमशान घाट तक,

अर्थी लेकर लोग चले,

दो हंडी में औघड़दानी,

सत्कर्मो की आग जले,

मिट जाए हर एक बुराई,

मिट जाए हर एक बुराई,

ऐसा धुआँ उठा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


चन्दन की लकड़ी चाहे,

मेरी चिता सजाओ ना,

भव सागर से तर जाएंगे,

गंगा जल भी पिलाओ ना,

हे महाकाल चिता पर मेरी,

हे महाकाल चिता पर मेरी,

अपनी भस्म ओढ़ा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


मुक्ति की वो चिलम हो भोले,

मोह माया का गांजा हो,

जिसके धुंए से लोभी मन को,

हमने बढ़िया मांजा हो,

परम धन्य हो जाऊं निरंजन,

परम धन्य हो जाऊं निरंजन,

ऐसी कृपा बरसा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,

ऐसी चिलम पिला देना,

पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,

ऐसी दम लगवा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


छम छम नाचे हनुमान, बजे रे पग पैजनिया (Cham Cham Nache Hanuman Baje Re Pag Paijaniya)

छम छम नाचे हनुमान,
बजे रे पग पैजनिया,

म्हारा सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला(Mhara Salasar Ka Bala O Ji Anjani Maa Ka Lala)

म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,

अन्वाधान व इष्टि क्या है

सनातन हिंदू धर्म में, अन्वाधान व इष्टि दो प्रमुख अनुष्ठान हैं। जिसमें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया करते हैं। इसमें प्रार्थना व पूजा कुछ समय के लिए यानी छोटी अवधि के लिए ही की जाती है।

षटतिला एकादशी पर ना करें ये काम

षटतिला एकादशी भगवान विष्णु जी को समर्पित है। हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

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