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बोल कन्हैया बोल (Bol Kanhaiya Bol)

॥ दोहा ॥

वा रे लाला नन्द का,

तूने जनम चराई ढोर,

प्रीत कदे जाणी नहीं,

तूने खायो माखन चोर ॥


बोल कन्हैया बोल

बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो,

ना रे ना मे तो ,

गोकुल में जन्मियो,

बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो,

बोल कन्हैया बोल ॥


थारा पिता वासुदेव जी,

ना रे ना म्हारा ,

पिता नंदबाबा।

बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो ॥


बोल कन्हैया बोल ,

थारी माता है देवकी,

ना रे ना म्हारी ,

माता है यशोदा ॥


बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो,

बोल कन्हैया बोल ,

थाने दही प्यारो लागे ॥


ना रे ना म्हाने ,

माखन प्यारो लागे,

बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो ॥


बोल कन्हैया बोल ,

थाने राधा प्यारी लागे,

ना रे ना म्हाने ,

गोपिया प्यारी लागे ॥

बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो ॥


बोल कन्हैया बोल ,

थाने भक्त प्यारा लागे,

हां रे हां म्हाने ,

भक्त प्यारा लागे ॥


बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो,

ना रे ना मे तो ,

गोकुल में जन्मियो,

बोल कन्हैया बोल तु तो ,

जेल में जन्मियो ॥


मंगलदेव की पूजा किस विधि से करें?

ज्योतिष शास्त्र में मंगलदेव को युद्ध का देवता कहा जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को ऊर्जा और साहस मिलती है। वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल उच्च स्थिति मे होते हैं, तो उन्हें मांगलिक कहा जाता है।

हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon)

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।

श्री चित्रगुप्त चालीसा (Shri Chitragupta Chalisa)

कुल गुरू को नमन कर, स्मरण करूँ गणेश ।
फिर चरण रज सिर धरहँ, बह्मा, विष्णु, महेश ।।

चैत्र माह की पौराणिक कथा

नवरात्रि का अर्थ नौ रातें होता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्र का खास महत्व है।

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