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छठी माई के घटिया पे (Chhati Mai Ke Ghatiya Pe)

छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


एक ही ललन बिना,

छछनेला मनवा,

सुन सान लागे हमरो,

घरवा अंगनवा ।


एक ही ललन बिना,

छछनेला मनवा,

सुन सान लागे हमरो,

घरवा अंगनवा ।


पूरा होईहे दिलवा के ललसा त,

जलसा कराईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


मनवा में आस लेके,

रोवेली बझिनी,

कहिया बसईबू छठी माई,

हमरो दुनिया,

कहिया बसईबू छठी माई,

हमरो दुनिया ।


अइसन सुंदर फल पाईब,

सूरूज गोहराईब हो,


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं(Jab Jab Hum Dadiji Ka Mangalpath Karte Hai)

जब जब हम दादी का,
मंगल पाठ करते हैं,

खेले मसाने में होरी, दिगम्बर(Khele Masane Mein Holi Digambar)

खेले मसाने में होरी,
दिगम्बर,

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।

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