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डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे(Dimik Dimik Damru Kar Baje)

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे,

प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें,

प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें ॥


सिंघी नाद बजावत गावत,

सिंघी नाद बजावत गावत,

लटक रही बगली झोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें,

प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें ॥


नाग फणन सो करत आरती,

नाग फणन सो करत आरती,

देव देव गति अनमोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें,

प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें ॥


भालचंद्र सिर गंगा लहरे,

भालचंद्र सिर गंगा लहरे,

हाथ लिए भंग की गोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें,

प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें ॥


डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे,

प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें,

प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजें ॥

हमारे साथ श्री रघुनाथ, तो किस बात की चिंता (Hamare Sath Shri Raghunath Too Kis Baat Ki Chinta)

हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।

मेरी लगी शंभू से प्रीत, ये दुनिया क्या जाने(Meri Lagi Shambhu Se Preet Ye Duniya Kya Jane)

मेरी लगी शंभू से प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,

बृहस्पतिवार व्रत कथा और महत्व

सातों दिन में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन बृहस्पतिवार व्रत और कथा के पाठ करने का विधान है।

शुक्रवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी से जुड़ा होता है। इसे लक्ष्मी व्रत या शुक्रवार व्रत के रूप में मनाया जाता है।

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