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एक नज़र बस एक नज़र, हम पे मोहन वार दे(Ek Nazar Bas Ek Nazar Hum Pe Bhi Mohan Vaar De)

एक नज़र बस एक नज़र,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


स्वांस की हर तार पर,

कृष्ण तेरा नाम है,

मैं जिधर देखु तुझे,

तू ही तू घनश्याम है,

इस जगत के तू बंधनो से,

तू हमे उद्धार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


हर समय चिंतन तुम्हारा,

हर समय तेरा भजन,

खोजते रहते है तुमको,

हर पहर मेरे नयन,

और ना प्रभु देर कर तू,

हमको तू दीदार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


मै पुजारी हूँ तुम्हारा,

जन्मो जन्मो तक रहूं,

इस जगत के बंधनों में,

ना कभी फस कर गिरू,

मै रहू बन कर तुम्हारा,

ऐसा वर सरकार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


तू दिखादे सांवरी

सूरत हमे ओ सांवरे,

खोजते रहते है तूझको,

मेरे नैना बाबरे,

कब तलक तरसेगा ‘राजेन्द्र’

तू हमे दिदार दे,

एक नजर बस एक नजर,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥


एक नज़र बस एक नज़र,

हम पे मोहन वार दे,

ज़िन्दगी की डगमगाती,

मेरी नैया तार दे ॥

राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक(Radhe Krishna Ki Jyoti Alokik)

राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक,
तीनों लोक में छाये रही है ।

फाल्गुन कृष्ण विजया नाम एकादशी व्रत (Phalgun Krishna Vijaya Naam Ekaadashi Vrat)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने फिर भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा कि अब आप कृपाकर फाल्गुन कृष्ण एकादशी का नाम, व्रत का विधान और माहात्म्य एवं पुण्य फल का वर्णन कीजिये मेरी सुनने की बड़ी इच्छा है।

मोहे रंग दो अपने ही रंग में, मोहे ओ सांवरिया(Mohe Rang Do Apne Hi Rang Mein Mohe O Sawariya)

नैना लागे जब मोहन से,
नैना को कुछ रास ना आए,

जाना है मुझे माँ के दर पे (Jana Hai Mujhe Maa Ke Dar Pe)

जाना है मुझे माँ के दर पे,
सुनो बाग के माली,

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