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गजानन आये मेरे द्वार(Gajanan Aaye Mere Dwar )

गजानन आए मेरे द्वार॥

श्लोक – वक्रतुंड महाकाय,

सूर्यकोटि समप्रभा,

निर्विघ्नम कुरु मे देव,

सर्वकार्येषु सर्वदा ॥


गजानन आए मेरे द्वार,

गजानन आये मेरे द्वार,

इनकी दया से सब सुख पाते,

इनकी दया से सब सुख पाते,

इनसे चले घर द्वार,

गजानन आये मेरे द्वार ॥


गणपति जब धरती पे आते,

सुख सम्रद्धि संग में लाते,

करने स्वागत लोग है आते,

सबकी सुध वो लेने आए,

सबकी सुध वो लेने आए,

होके मूषक सवार,

गजानन आये मेरे द्वार ॥


पाए जो एकदन्त के दर्शन,

होता सफल उसी का जीवन,

मेरा तन मन उनको अर्पण,

उनसे बंधी है साँसों की डोरी,

उनसे बंधी है साँसों की डोरी,

वो है प्राणाधार,

गजानन आये मेरे द्वार ॥


गौरी सुत है शिव के लाला,

जो फेरे तेरे नाम की माला,

तू है दुखो को हरने वाला,

नैया तू ही पार लगाए,

नैया तू ही पार लगाए,

जो फसे मजधार,

गजानन आये मेरे द्वार ॥


गजानन आये मेरे द्वार,

गजानन आये मेरे द्वार,

इनकी दया से सब सुख पाते,

इनकी दया से सब सुख पाते,

इनसे चले घर द्वार,

गजानन आये मेरे द्वार ॥

मासिक शिवरात्रि पर शिव चालीसा पाठ

हिंदू पंचाग में प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि के मनाई जाती है। इस विशेष दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है।

राष्ट्रगान - जन गण मन (National Anthem - Jana Gana Mana)

जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता,
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग,

चैत्र अमावस्या मुहूर्त और तिथि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र अमावस्य को बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत के एक दिन पहले मनाई जाती है।

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