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गजरा गिर गया जमुना जल में (Gajara Gir Gaya Jamuna Jal Me)

जमुना के तट पर,

मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

घायल हो गई पल में,

गजरा गिर गया जमुना जल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥

लेने गगरिया गई थी बजरिया,

बजरिया में मिल गया वो,

बांके सांवरिया,

गगरी मेरी छीन के उसने,

बईया मरोड़ी,

बईया यूँ मरोड़ के पूछे,

क्या मर्जी है तेरी,

फिर ऐसे मैं शरमाई,

निकला वो तो हरजाई,

चली गई एक पल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥


प्रीत में उसके ऐसे खोयी,

ना में जागी ना में सोई,

मेरा आँचल पायल काजल,

तीनो कर गया घायल,

थर थर कांपे मेरी काया,

डोल रहा मन पागल,

फिर काटे कटे ना वो रैना,

बेरी छीन के ले गयो चैना,

चली गई एक पल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥


जमुना के तट पर,

मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

घायल हो गई पल में,

गजरा गिर गया जमुना जल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥

मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत विधि

सनातन हिंदू धर्म में, हर महीने मां दुर्गा के निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का व्रत करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

महाशिवरात्रि व्रत विधि

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों मे एक है। यह पर्व भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है और फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

चैत्र महीना भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे चैत्र माह में मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।

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