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Hamare Do Hi Rishtedar (हमारे दो ही रिश्तेदार)

हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।

हमारे दो ही रिश्तेदार,


सेठ हमारे बांके बिहारी,

सेठानी वृशभानु दुलारी,

जो कोई जपता राधे राधे,

वो हो जाये भव से पार,

हमारे दो ही रिश्तेदार,


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।


ममतामयी है राधिका रानी,

हर बात श्याम ने इनकी मानी,

राधा नाम की जड़ी बूटी से ,

होते यहां उपचार,

हमारे दो ही रिश्तेदार,


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।


न कोई चिंता न कोई टेंशन,

राधा नाम है दिल मे मेंशन,

भरी सभा मे कह सकते है,

आई लव यू सरकार ,

हमारे दो ही रिश्तेदार


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।


चाहे जो आनन्द में रहना

मान लो कनिष्क का कहा

हर पल है आनन्द बरसता

अनोखा है ये दरबार

हमारे दो ही रिश्तेदार


हमारे दो ही रिश्तेदार,

एक हमारी राधा रानी,

दूजे बांके बिहारी सरकार।

हमारे दो ही रिश्तेदार

सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

मन की तरंग मार लो(Man Ki Tarang Mar Lo Bas Ho Gaya Bhajan)

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द (Aaja Kalyug Me Leke Avtar O Govind)

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द

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