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मेरी आखिओं के सामने ही रहना(Meri Akhion Ke Samne Hi Rehina Oh Shero Wali Jagdambe)

मेरी आखिओं के सामने ही रहना,

माँ शेरों वाली जगदम्बे ।

हम तो चाकर मैया,

तेरे दरबार के,

भूखे हैं हम तो मैया,

बस तेरे प्यार के॥


विनती हमारी भी,

अब करो मंज़ूर माँ,

चरणों से हमको कभी,

करना ना दूर माँ ॥


मुझे जान के अपना बालक,

सब भूल तू मेरी भुला देना,

शेरों वाली जगदम्बे,

आँचल में मुझे छिपा लेना ॥

॥ मेरी आखिओं के सामने...॥


तुम हो शिव जी की शक्ति,

मैया शेरों वाली ।

तुम हो दुर्गा हो अम्बे,

मैया तुम हो काली॥

बन के अमृत की धार सदा बहना,

ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥

॥ मेरी आखिओं के सामने...॥


तेरे बालक को कभी माँ सबर आए,

जहाँ देखूं माँ तू ही तू नज़र आये ।

मुझे इसके सिवा कुछ ना कहना,

ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥

॥ मेरी आखिओं के सामने...॥


देदो शर्मा को भक्ति का,

दान मैया जी,

लक्खा गाता रहे,

तेरा गुणगान मैया जी ।

है भजन तेरा,

भक्तो का गहना,

ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥


मेरी आखिओं के सामने ही रहना,

माँ शेरों वाली जगदम्बे ।

रंग पंचमी पर देवताओं को कौन सा रंग चढ़ाएं

रंग पंचमी 2025 इस वर्ष 21 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व होली के पांचवें दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन वे भी गीले रंगों से होली खेलते हैं।

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महाशिवरात्रि पर बन रहा अद्भुत संयोग

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