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मेरी आखिओं के सामने ही रहना(Meri Akhion Ke Samne Hi Rehina Oh Shero Wali Jagdambe)

मेरी आखिओं के सामने ही रहना,

माँ शेरों वाली जगदम्बे ।

हम तो चाकर मैया,

तेरे दरबार के,

भूखे हैं हम तो मैया,

बस तेरे प्यार के॥


विनती हमारी भी,

अब करो मंज़ूर माँ,

चरणों से हमको कभी,

करना ना दूर माँ ॥


मुझे जान के अपना बालक,

सब भूल तू मेरी भुला देना,

शेरों वाली जगदम्बे,

आँचल में मुझे छिपा लेना ॥

॥ मेरी आखिओं के सामने...॥


तुम हो शिव जी की शक्ति,

मैया शेरों वाली ।

तुम हो दुर्गा हो अम्बे,

मैया तुम हो काली॥

बन के अमृत की धार सदा बहना,

ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥

॥ मेरी आखिओं के सामने...॥


तेरे बालक को कभी माँ सबर आए,

जहाँ देखूं माँ तू ही तू नज़र आये ।

मुझे इसके सिवा कुछ ना कहना,

ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥

॥ मेरी आखिओं के सामने...॥


देदो शर्मा को भक्ति का,

दान मैया जी,

लक्खा गाता रहे,

तेरा गुणगान मैया जी ।

है भजन तेरा,

भक्तो का गहना,

ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥


मेरी आखिओं के सामने ही रहना,

माँ शेरों वाली जगदम्बे ।

सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

मेरे शंकर भोले भाले, बेड़ा पार लगाते है(Mere Shankar Bhole Bhale Beda Paar Lagate Hai)

मेरे शंकर भोले भाले,
बेड़ा पार लगाते है,

बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे (Bol Suva Ram Ram Mithi Mithi Vani Re)

बोल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥

क्या हैं माघ मास में स्नान के नियम?

माघ का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना आसान होता है।

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