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हरि हरि हरि सुमिरन करो (Hari Hari Hari Sumiran Karo)

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,

हरि चरणारविन्द उर धरो


हरे राम हरे राम रामा रामा हरे हरे

हरे कृष्णा करे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे


हरि की कथा होये जब जहाँ,

गंगा हू चलि आवे तहाँ

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो


यमुना सिंधु सरस्वती आवे,

गोदावरी विलम्ब न लावे .


सर्व तीर्थ को वासा वहां,

सूर हरि कथा होवे जहाँ

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो

चैत कृष्ण पापमोचनी एकादशी (Chait Krishna Papamochani Ekadashi)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर बोले हे भगवन् ! आपके श्रीमुख से इन पवित्र कथाओं को सुन मैं कृतकृत्य हो गया।

राम नाम ही सत्य है(Ram Naam Hi Satya Hai )

राम नाम ही सत्य है केवल,
राम का गुणगान करो,

जय माता दी बोल (Jay Mata Di Bol)

जय माता दी बोल,
चली आएगी भवानी,

मत्स्य द्वादशी के विशेष उपाय

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित है।

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