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हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन, हम शरण तिहारी आए है (Hey Pratham Pujya Gaurinandan Hum Sharan Tihari Aaye Hai)

हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है,

श्रद्धा के सुमन अर्पित करने,

हम थाल सजा कर लाए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


तुम रिद्धि सिद्धि के दाता हो,

बल और बुद्धि के प्रदाता हो,

उसको भव पार लगाते हो,

जो नाम तिहारा गाता हो,

नैया भव में है डोल रही,

बड़ी आस लगाकर आए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


तुम्हे शिव शंकर त्रिपुरारी ने,

है प्रथम पूज्य वरदान दिया,

सब देवों ने अपनी शक्ति,

का गणपति तुम्हे वरदान दिया,

पहले सब तुम्हरा नाम जपे,

हम जय जयकार लगाए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


मूसे की सवारी कर के प्रभु,

कैलाश पे लीला दिखाते हो,

माँ गौरा मोदक भोग धरे,

बड़े प्रेम से देवा खाते हो,

हम भी श्रद्धा के मोदक से,

तुम्हे भोग लगाने आए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


कलयुग देवा घनघोर घना,

तुम पार लगाने आ जाओ,

‘चन्दन’ की विनती स्वीकारो,

प्रभु दर्श दिखाने आ जाओ,

हम तुम्हरी जय जयकार करे,

और शीश नवाने आए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है,

श्रद्धा के सुमन अर्पित करने,

हम थाल सजा कर लाए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥

सोचा नहीं जो ख्वाब में, उतना हमें मिला: भजन (Socha Nahi Jo Khwab Me Utna Hame Mila)

सोचा नहीं जो ख्वाब में,
उतना हमें मिला,

होलिका दहन शुभ समय और भद्रा का साया

होली फेस्टिवल होलिका दहन के एक दिन बाद मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इसका विशेष अर्थ है। बता दें कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और कई लोग होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जानते है।

Hamare Do Hi Rishtedar (हमारे दो ही रिश्तेदार)

हमारे दो ही रिश्तेदार,
एक हमारी राधा रानी,

जिसने भी है सच्चे मन से (Jisne Bhi Hai Sacche Man Se)

जिसने भी है सच्चे मन से,
शिव भोले का ध्यान किया,

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