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हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं(Hey Shiv Shambhu Namastubhyam)

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

महाकालम नमस्तुभ्यं,

हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते सुरप्रिया धारम,

नमस्ते युग सृजन हारम,

उमा नाथम नमस्तुभ्यं,

हे बाघेश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते पशुपति नाथम,

त्रयम्बक हे भुजंग धारम,

जटा धारम नमस्तुभ्यं,

हे रामेश्वरम नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते नील कंठेश्वर,

नमस्ते ओमकारेश्वर,

‘देवेंद्र कुलदीप’ करे वंदन,

हे करुणाकर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

महाकालम नमस्तुभ्यं,

हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥

पापंकुशा एकादशी 2024: व्रत की विधि और तिथि, किसकी होती है पूजा

पापांकुशा एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है।

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं(Duniya Rachne Wale Ko Bhagwan Kehte Hain)

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,<,br> और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।

कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)

जय जय कैला मात हे, तुम्हे नमाउ माथ ॥
शरण पडूं में चरण में, जोडूं दोनों हाथ ॥

कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है (Kardo Dur Prabhu Mere Mann Me Andhera Hai)

कर दो दूर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है,

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