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पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आये (Pat Rakho Gauri Ke Lal Hum Teri Sharan Aaye)

पत राखो गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


प्रथमे तुम्हे मनाए,

हे संग्राम विजेता,

पूजा करें तुम्हारी,

है देवन के देवा,

शीश झुकाऊं तुम्हे मनाऊ,

मैं तिलक लगाऊ भाल,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


शंकर पिता तुम्हारे,

शिव शंकर कैलाशी,

रिद्धि सिद्धि के स्वामी,

लंबोदर अविनाशी,

मंगल करदो कंठ में भरदो,

मेरे सुंदर सुर और ताल,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


संकट हर लो मेरे,

ए दुख हरने वाले,

झोली भर दो सबकी,

झोली भरने वाले,

जोश तुम्हारे आया द्वारे,

ले कर फूलो के हार,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


पत राखो गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥

शीतला अष्टमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहते हैं, माता शीतला को समर्पित एक पवित्र पर्व है। यह होली के बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे होली के आठ दिन बाद पहले सोमवार या शुक्रवार को भी मनाते हैं।

बच्छ बारस शुभ मूहूर्त, पूजा विधि (Bachh Baras Shubh Muhrat, Puja Vidhi)

बच्छ बारस जिसे गोवत्स द्वादशी भी कहा जाता है। ये पर्व आगामी 28 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।

हार गया हूँ बाबा, अब तो आके थाम रे (Haar Gya Hu Baba Ab To Aake Tham Re)

हार गया हूँ बाबा,
अब तो आके थाम रे,

मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स (New Bhaye Pragat Kripala Bhajan By Manoj Muntashir)

श्री राम जानकी कथा ज्ञान की
श्री रामायण का ज्ञान