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पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आये (Pat Rakho Gauri Ke Lal Hum Teri Sharan Aaye)

पत राखो गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


प्रथमे तुम्हे मनाए,

हे संग्राम विजेता,

पूजा करें तुम्हारी,

है देवन के देवा,

शीश झुकाऊं तुम्हे मनाऊ,

मैं तिलक लगाऊ भाल,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


शंकर पिता तुम्हारे,

शिव शंकर कैलाशी,

रिद्धि सिद्धि के स्वामी,

लंबोदर अविनाशी,

मंगल करदो कंठ में भरदो,

मेरे सुंदर सुर और ताल,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


संकट हर लो मेरे,

ए दुख हरने वाले,

झोली भर दो सबकी,

झोली भरने वाले,

जोश तुम्हारे आया द्वारे,

ले कर फूलो के हार,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


पत राखो गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥

चलती है सारी श्रष्टी, महाकाल के दर से (Chalti Hai Saari Srishti Mahakal Ke Dar Se)

चलती है सारी श्रष्टी,
महाकाल के दर से ॥

शीतला अष्टमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहते हैं, माता शीतला को समर्पित एक पवित्र पर्व है। यह होली के बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे होली के आठ दिन बाद पहले सोमवार या शुक्रवार को भी मनाते हैं।

पकड़ लो बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे - भजन (Pakadlo Bah Raghurai, Nahi Too Doob Jayenge)

पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे ।

ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ (O Mere Baba Bholenath)

ना मांगू मैं हीरे मोती,
ना मांगू मैं सोना चांदी,