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हो सके जो अगर श्याम मेरे(Ho Sake Jo Agar Shyam Mere)

हो सके जो अगर श्याम मेरे,

जो हुआ सो हुआ भूल जाओ,

माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,

श्याम अपने से लगाओ,

हों सके जो अगर श्याम मेरे,

जो हुआ सो हुआ भूल जाओ ॥


एक आवाज भीतर से आए,

जो किया वो सही ना किया है,

नासमझ था ना समझा इशारा,

तूने हर बार मुझको दिया है,

ना मैं दूंगा शिकायत का मौका,

लो शरण तुम चरण में बिठाओ,

माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,

श्याम अपने से लगाओ,

हों सके जो अगर श्याम मेरे,

जो हुआ सो हुआ भूल जाओ ॥


मेरा कोई नहीं बिन तुम्हारे,

छोड़ देना नहीं मेरी बाहें,

जाने अनजाने में चल पड़ा था,

अब ना देखूंगा मुड़के वो राहे,

मैं चलूँगा उन्ही रास्तों पे,

हाथ थामे जिधर तुम चलाओ,

माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,

श्याम अपने से लगाओ,

हों सके जो अगर श्याम मेरे,

जो हुआ सो हुआ भूल जाओ ॥


वक्त बिता बदल ना सकूंगा,

जो बचा है उसे तुम सम्भालो,

मैं भंवर में कही खो ना जाऊं,

नाव लहरों से मेरी बचा लो,

काची माटी ‘सचिन’ की है बाबा,

ढाल सांचे में जैसा बनाओ,

माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,

श्याम अपने से लगाओ,

हों सके जो अगर श्याम मेरे,

जो हुआ सो हुआ भूल जाओ ॥


हो सके जो अगर श्याम मेरे,

जो हुआ सो हुआ भूल जाओ,

माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,

श्याम अपने से लगाओ,

हों सके जो अगर श्याम मेरे,

जो हुआ सो हुआ भूल जाओ ॥

मार्गशीर्ष माह के यम-नियम

मार्गशीर्ष माह में यम नियम का अनुसरण करके व्यक्ति अपने वर्तमान जीवन को सुधार सकता है। साथ ही अपने आगामी जन्मों के लिए भी अच्छा भाग्य अर्जित कर सकता है। ये माह कई मायनों में विशेष होता है।

तमिल हनुमान जयंती कथा

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मत्स्य जयंती कब मनाई जाएगी

मत्स्य जयंती भगवान विष्णु के पहले अवतार, “मत्स्यावतार” अर्थात् मछली अवतार की विशेष पूजा के रूप में मनाई जाती है।

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