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होली खेलन आयो श्याम, आज(Holi Khelan Aayo Shyam, Aaj)

होली खेलन आयो श्याम

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


कोरे-कोरे कलश मँगाओ,

रंग केसर को घोरो री ।

मुख ते केशर मलो,

करो याहि कारे से गोरो री ॥


रंग-बिरंगो करो आज,

याहि कारे से गोरो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


पास-पड़ौसिन बोलि,

याहि आँगन में घेरो री ।

पीताम्बर लेउ छीन,

याहि पहराय देउ लहँगो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


हरे बाँस की बाँसुरिया,

याहि तोड़-मरोड़ी री ।

तारी दे दे याहि नचावो,

अपनी ओरो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


चन्द्रसखी की यही विनती,

करे निहोरो री ।

हा हा खाय पड़े जब,

पैया तब याहि छोरो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


होली खेलन आयो श्याम

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥

मासिक शिवरात्रि के दिन इस विधि से करें जलाभिषेक

हिंदू धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। इस दिन को हर महीने मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं।

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ (Japte Raho Subah Shaam Bholenath)

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर( RadhaKrishn Prana Mora Yugal Kishor)

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर ।
जीवने मरणे गति आर नाहि मोर ॥

मेरे घर आयो शुभ दिन (Mere Ghar Aayo Shubh Din)

मेरे घर आयो शुभ दिन आज,
मंगल करो श्री गजानना ॥

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