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ईश्वर को जान बन्दे, मालिक तेरा वही है(Ishwar Ko Jaan Bande Malik Tera Wahi Hai)

ईश्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है,

करले तू याद दिल से,

हर जाम वो सही है ।

ईष्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है ॥


भूमि अगन पवन में,

सागर पहाड़ बन में,

उसकी सभी भुवन में,

छाया समा रही है ।

ईष्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है ॥


उसने तुझे बनाया,

जब खेल ये दिखाया,

तू क्यों फिरे भुलाया,

उमरा बिता रही है ।

ईश्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है ॥


विषयो की छोड़ आशा,

सब झुटे है तमाशा,

हैरान हु में खुद भी,

अब माया फसा रही है ।

ईष्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है ॥


दुनिया से दिल हटाले,

प्रभु ध्यान में लगा ले,

ब्रम्हानंद मोक्ष पा ले,

कल का पता नही है ।

ईश्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है ॥


ईष्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है,

करले तू याद दिल से,

हर जाम वो सही है ।

ईष्वर को जान बन्दे,

मालिक तेरा वही है ॥

चैत्र मास में करें ये उपाय

चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। यह हिंदू पंचांग का पहला महीना है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। इस मास में की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य का प्रभाव संपूर्ण वर्ष पर पड़ता है। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त होती है।

Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho (जिस भजन में राम का नाम ना हो)

जिस भजन में राम का नाम ना हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए ॥

क्यों खास होता है फाल्गुन मास

सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम महीना फाल्गुन मास होता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है।

कुंभ संक्रांति पूजा-विधि और नियम

जिस तरह सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश से मकर संक्रांति मनाई जाती है। उसी तरह जिस दिन सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश कर सकते हैं, वह दिन कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

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