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जय माता दी बोल (Jay Mata Di Bol)

जय माता दी बोल,

चली आएगी भवानी,

आएगी भवानी चली,

आएगी भवानी,

जय माता दी बोंल,

चली आएगी भवानी ॥


बड़ी ही दयालु है ये,

बड़ी ही है दानी,

बड़ी ही दयालु है ये,

बड़ी ही है दानी,

जय माता दी बोंल,

चली आएगी भवानी ॥


लाल लाल चुनरी है,

माँ की निशानी,

लाल लाल चुनरी है,

माँ की निशानी,

जय माता दी बोंल,

चली आएगी भवानी ॥


जय जयकार मैया जी को,

लगती सुहानी,

जय जयकार मैया जी को,

लगती सुहानी,

जय माता दी बोंल,

चली आएगी भवानी ॥


झोली भरे सबकी,

है माँ वरदानी,

झोली भरे सबकी,

है माँ वरदानी,

जय माता दी बोंल,

चली आएगी भवानी ॥


‘सोनू’ अपनी मैया से,

प्रीत है पुरानी,

‘सोनू’ अपनी मैया से,

प्रीत है पुरानी,

जय माता दी बोंल,

चली आएगी भवानी ॥


जय माता दी बोल,

चली आएगी भवानी,

आएगी भवानी चली,

आएगी भवानी,

जय माता दी बोंल,

चली आएगी भवानी ॥


भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम (Bhar Pichkari Mari Hai Fag Machayo Shyam)

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,
अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्या,

मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत और पूजा विधि (Margashirsha Maas Ke Pramukh Vrat Aur Puja Vidhi)

मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का नौवां माह है, जो कि आश्विन मास के बाद आता है। इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की गणना 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक है।

सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

बुधवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और बुधवार को उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।