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जिसको जीवन में मिला सत्संग है (Jisko jivan Main Mila Satsang Hai)

जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।


जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हरदम आनंद ही आनंद है ।

जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हरदम आनंद ही आनंद है ।


जिसका हरी से जुड़ा संबंध हैं,

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।

जिसका हरी से जुड़ा संबंध हैं,

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।


सूरदास मीरा कबीरा ने गया,

तुलसी नानक ने भी दर्शन पाया ।

सूरदास मीरा कबीरा ने गया,

तुलसी नानक ने भी दर्शन पाया ।


जिसके हृदय मे राम नाम बंद है,

जिसके हृदय मे राम नाम बंद है,

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।


जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।


जिसका जीवन सच्चाई में ढाल गया,

उसके पापों का पर्वत भी ढाल गया,

उसके रोम रोम मे बस गोविंद ही गोविंद ।


संत और ऋषियो की वाणी को मानो,

तत्व क्या है जगत का ये मन मे पहचानो ।


जिसका चौरासी कट जाए फंद है

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।


जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हरदम आनंद ही आनंद है ।

जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हरदम आनंद ही आनंद है ।


जिसे स्वर्ग जाने की इच्छा नहीं है

जिसे मुक्ति पाने की इच्छा नहीं है

उसे ही मिलता यहाँ परमानंद है

उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।


जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हरदम आनंद ही आनंद है ।

जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं,

उसे हरदम आनंद ही आनंद है ।

वैकुंठ चतुर्दशी की कथा

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। ये कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव जी का पूजन एक साथ किया जाता है।

शिव का नाम लो (Shiv Ka Naam Lo)

शिव का नाम लो ।
हर संकट में ॐ नमो शिवाय,

राम नाम ना गाया तूने, बस माया ही जोड़ी (Ram Naam Na Gaya Tune Bas Maya Hi Jodi)

राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,

श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् (Sri Devi Atharvashirsha)

देव्यथर्वशीर्षम् जिसे देवी अथर्वशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है, चण्डी पाठ से पहले पाठ किए जाने वाले छह महत्वपूर्ण स्तोत्र का हिस्सा है।

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