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जो देना हो तो मईया, उपहार ये देना (Jo Dena Ho To Maiya Uphar Ye Dena)

जो देना हो तो मईया,

उपहार ये देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


वैसे तो पहले ही,

काफी है ये तोहफा,

तू है मेरी मैया है,

मैं हूँ तेरा बेटा,

बेटा का जिस पर हक़ है,

वो प्यार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


दौलत से जीने के,

साधन तो मिल जाए,

पर माँ की ममता को,

लेने कहाँ जाए,

मुझको है बस ममता की,

दरकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


अमृत में ममता का,

जो अंश ना होता,

तो विष और अमृत में,

कोई फर्क ना होता,

‘सोनू’ को उस अमृत की,

एक धार दे देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


जो देना हो तो मईया,

उपहार ये देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥

भगवान कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक चंद्र मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए भक्त हर महीने इस तिथि को उनका जन्मोत्सव मनाते हैं।

जय माता दी बोल भगता, चिट्ठी माँ की आएगी (Jai Mata Di Bol Bhagta Chitthi Maa Ki Aayegi)

जय माता दी बोल भगता,
चिट्ठी माँ की आएगी,

ऊँ शिव गोरक्ष योगी - प्रार्थना (Om Jai Gauraksh Yogi - Prarthana)

ऊँ शिव गोरक्ष योगी
गंगे हर-नर्मदे हर, जटाशङ़्करी हर ऊँ नमो पार्वती पतये हर,

सरस्वती नदी की पूजा कैसे करें?

सरस्वती नदी का उल्लेख विशेष रूप से ऋग्वेद, महाभारत, और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में किया गया है। वेदों में इसे एक दिव्य नदी के रूप में पूजा गया है और यह ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है।