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कनक भवन दरवाजे पड़े रहो (Kanak Bhawan Darwaje Pade Raho)

पूज्य स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज एक बहुत अच्छे छंद, चौपाइयां, पद्य, कविताएं एवं भजन लेखक थे।


प्रभु श्रीसीतारामजी काटो कठिन कलेश

कनक भवन के द्वार पे परयो दीन राजेश


कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो


सुघर सोपान सो द्वार सुहावे

छटा मनोहर मोहे मन भावे

सुन्दर शोभा साजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो


आवत जात संत जन दर्शत

दर्शन करि के सुजन मन हर्षत

देखत कलि मल भागे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो


अवधविहारी सिंघासन सोहे

संग श्रीजनकलली मन मोहे

अति अनुपम छवि छाजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो


श्रीसियाराम रूप हिय हारि

लखि राजेश जाए बलिहारी

कोटि काम रति लाजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो


कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो

जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो

चैत्र महीना व्रत-त्योहार लिस्ट

चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला महीना होता है। इसे हिंदू नववर्ष की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा यह वसंत ऋतु के खत्म होने का प्रतीक भी है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। यह त्योहार हमें धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं।

माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल(Maa Main Khada Dwar Tere)

तेरे दरबार का पाने नज़ारा,
मैं भी आया हू,

शिव जी की महिमा अपरम्पार है (Shivji Ki Mahima Aprampaar Hai)

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,
आया शिवरात्रि का त्यौहार है,

शेरावाली का लगा है दरबार (Sherawali Ka Laga Hai Darbar)

शेरावाली का लगा है दरबार,
जयकारा माँ का बोलते रहो,